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Showing posts from October, 2025

निःशुल्क चिकित्सा शिविर एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन,276 मरीजों का हुआ इलाज

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निःशुल्क चिकित्सा शिविर एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन,276 मरीजों का हुआ इलाज मानव सेवा के लिए प्रतिबद्ध है केएमसी अस्पताल और उनके डॉक्टर —पंकज चौरसिया जनपद के केएमसी मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल द्वारा महराजगंज के गड़ौरा बाज़ार स्थित ग्राम– डिगही में निःशुल्क चिकित्सा शिविर एवं स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया और स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाया। केएमसी के इंटर्न डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ द्वारा मरीजों का स्वास्थ्य परिक्षण किया गया । जिसमे ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, ईसीजी, फिजियोथेरेपी, सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण एवं प्रणालीगत जांच शामिल रहें । मरीजों को उनकी स्थिति के अनुसार निःशुल्क परामर्श एवं दवाएं भी प्रदान की गईं। आपकों बता दें कि केएमसी मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल द्वारा लगातार क्षेत्र की जनता के सुविधा के लिए इस तरह के कैम्प का आयोजन किया जाता है । इस शिविर में डॉ. सुनील (मेडिसिन) , डॉ. पूजा (स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग) ,जनरल फिजिशियन डॉ. अंशुमान चौरसिया, डॉ. आकाश पटेल,डॉ. काजल, डॉ. आकांक्षा, डॉ. अंकेश चौधरी, डॉ. प्र...

संघर्ष से नेतृत्व तक : पार्वती तिवारी की अद्भुत जीवन यात्रा

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पत्रकारिता से राजनीति तक का सफर, समाजसेवा को बनाया जीवन का उद्देश्य महिलाओं और असहायों की आवाज़ बनीं पार्वती तिवारी संघर्ष, शिक्षा और समर्पण से राजनीति में बनाई खास पहचान बिहार राज्य के रक्सौल निवासी पार्वती तिवारी का जीवन संघर्ष, समाजसेवा और समर्पण की अद्भुत मिसाल है। 1993 में शिवपुरी हरैया थाना क्षेत्र के भरतमही गांव में जन्माष्टमी के दिन जन्मी पार्वती ने बचपन से ही कठिनाइयों का सामना किया। जब वह मात्र 12 वर्ष की थीं और कक्षा 9 में पढ़ रही थीं, तभी उनके पिता का देहांत हो गया। तीन बहन और तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर रहते हुए पार्वती का पालन-पोषण उनकी माता ने किया। शिक्षा और पत्रकारिता का सफर पार्वती तिवारी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा काठमांडू से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने नोएडा की अमेठी यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री हासिल की। उन्हें एंकरिंग और पत्रकारिता का गहरा शौक था। यही कारण रहा कि उन्होंने पूरे 8 वर्षों तक टीवी चैनलों में पत्रकारिता की और समाज की सच्चाई सामने लाने का काम किया। लेकिन पत्रकारिता करते हुए उन्हें अनुभव हुआ कि कई बार “न्याय दिलाने में पत्रकार की कलम टूट जात...